मसीह-दूत सभक काज
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परिचय
1-2 आदरणीय थियुफिलुस, हम अपन पहिल पुस्तक मे यीशुक सभ काज आ शिक्षा जे ओ शुरू सँ लऽ कऽ स्वर्ग मे उठा लेल गेलाह ताहि दिन धरि कयलनि तकर सम्पूर्ण विवरण लिखने छी। स्वर्ग मे उठाओल जाय सँ पहिने ओ अपन चुनल दूत सभ केँ परमेश्वरक पवित्र आत्मा द्वारा अपन आदेश सभ देलथिन। 3 हुनका सभक मध्य ओ मुइलाक बाद चालिस दिन धरि बेर-बेर प्रगट भऽ कऽ एहि बातक अकाट्य प्रमाण दैत रहलाह जे ओ जीबि उठल छथि। ओ ओहि समय मे हुनका सभ केँ परमेश्वरक राज्यक विषय मे शिक्षा दैत छलाह 4 आ एक दिन जखन हुनका सभक संग छलथिन तँ ओ ई आदेश देलथिन जे, “अहाँ सभ ताबत धरि यरूशलेम सँ बाहर नहि जाउ जाबत धरि ओ बात अहाँ सभ केँ प्राप्त नहि भऽ जायत जे बात अहाँ सभ केँ देबाक लेल हमर पिता वचन देने छथि। एहि बातक सम्बन्ध मे हम पहिनहि अहाँ सभ केँ कहने छी जे, 5 यूहन्ना तँ पानि सँ बपतिस्मा देलनि मुदा अहाँ सभ केँ किछु दिन मे पवित्र आत्मा सँ बपतिस्मा देल जायत।”
यीशु स्वर्ग मे उठा लेल गेलाह
6 एक दिन यीशु जखन फेर अपन दूत सभक संग छलाह तखन ओ सभ हुनका सँ पुछलथिन, “प्रभु, की अहाँ एही समय मे इस्राएली सभ केँ अपन राज्य फिरता करबा देब?” 7 ओ उत्तर देलथिन, “कहिया कखन की होयत, से पिता अपना अधिकार सँ निश्चित कयने छथि, आ ताहि बात केँ जानी से अहाँ सभक काज नहि अछि। 8 मुदा जखन अहाँ सभ पर पवित्र आत्मा औताह तँ अहाँ सभ सामर्थ्य प्राप्त करब आ यरूशलेम मे, सम्पूर्ण यहूदिया और सामरिया प्रदेश मे, आ सम्पूर्ण पृथ्वी पर अहाँ सभ हमर गवाह होयब।” 9 एतेक कहलाक बाद हुनका सभक देखिते-देखिते ओ ऊपर उठा लेल गेलाह और एकटा मेघ आबि कऽ हुनका सभक नजरिक सोझाँ सँ हुनका झाँपि लेलकनि।
10 जखन मसीह-दूत सभ यीशु केँ ऊपर उठा लेल गेलाक बादो टकटकी लगा कऽ आकाश दिस तकिते रहलाह तखन एकाएक उज्जर वस्त्र पहिरने दूटा पुरुष हुनका सभ लग ठाढ़ भऽ गेलाह। 11 ओ सभ मसीह-दूत सभ केँ कहलथिन, “हे गलीलक लोक सभ, अहाँ सभ आकाश दिस की तकैत छी? यैह यीशु जे अहाँ सभ लग सँ स्वर्ग मे उठा लेल गेलाह से ओही तरहेँ एक दिन फेर औताह जाहि तरहेँ अहाँ सभ हुनका स्वर्ग जाइत देखलहुँ।”
यहूदाक स्थान पर मतिया
12 तखन मसीह-दूत सभ जैतून पहाड़ नामक परवत पर सँ यरूशलेम घुरि अयलाह। ओ पहाड़ यरूशलेम सँ करीब आधा कोस दूर अछि।a 13 यरूशलेम पहुँचि कऽ ओ सभ उपरका कोठली मे गेलाह जाहि मे ओ सभ ठहरल छलाह। हुनका सभक नाम ई अछि—पत्रुस, यूहन्ना, याकूब और अन्द्रेयास, फिलिपुस और थोमा, बरतुल्मै और मत्ती, अल्फेयासक पुत्र याकूब और “देश-भक्त”b सिमोन और याकूबक पुत्र यहूदा। 14 ओ सभ किछु स्त्रीगण, यीशुक माय मरियम और हुनकर भाय सभक संग मिलि कऽ एक चित्त भऽ नित्य प्रार्थना करैत छलाह।
15 ओहि समय मे एक दिन विश्वासी भाय सभक बीच, अर्थात् करीब एक सय बीस व्यक्तिक समुदाय मे, पत्रुस ठाढ़ भऽ कहऽ लगलाह, 16-17 “यौ भाइ लोकनि, ई निश्चित छल जे धर्मशास्त्रक ओ बात पूरा होअय जे पवित्र आत्मा दाऊदक माध्यम सँ यहूदाक विषय मे पहिनहि कहलनि। यहूदा हमरा सभ मे सँ एक, और एहि सेवा-काज मे सहभागी होइतो, जे सभ यीशु के पकड़ऽ चाहैत छल, तकरा सभ केँ यीशु केँ चिन्हौलकैक।” 18 (यहूदा पापक कमाइ सँ एक खेत मोल लेलक जतऽ ओ मुँहे भरे खसल। ओकर पेट फाटि गेलैक और अँतड़ी-भोतरी बाहर भऽ गेलैक। 19 एहि बात केँ सम्पूर्ण यरूशलेम मे रहऽ वला लोक सभ बुझि गेल, आ तेँ ओहि खेतक नाम ओ सभ अपना भाषा मे “हकलदामा”, अर्थात् “खूनक खेत”, राखि देलक।) 20 “हँ, धर्मशास्त्रक बात पूरा होयबाक छल, कारण भजन-संग्रहक पुस्तक मे लिखल अछि,
‘ओकर वास स्थान उजड़ि जाय
आ ओहि मे रहऽ वला केओ नहि होअय।’c
और,
‘ओकर पद और अधिकार केओ दोसर लेअय।’d
21-22 “तेँ आब ई जरूरी अछि जे अपना सभ ककरो चुनी जे अपना सभक संग प्रभु यीशुक जीबि उठनाइक गवाही देत। ओकरा तकरा सभ मे सँ चुनल जाय जे सभ ओहि समय सँ अपना सभक संग अछि जाहि समय मे प्रभु यीशु अपना सभक बीच रहलाह, अर्थात् यूहन्नाक बपतिस्मा सँ लऽ कऽ प्रभु यीशुक स्वर्ग उठाओल जयबाक समय धरि।”
23 तँ ओ सभ दू आदमीक नामक सुझाव देलनि—एकटा यूसुफ, जे बरसब्बा कहबैत छलाह और जिनकर दोसर नाम यूस्तुस सेहो छलनि; आ दोसर मतिया। 24-25 तखन ओ सभ प्रार्थना कयलनि जे, “यौ प्रभु, सभक हृदय अहाँ जनैत छी। हमरा सभ केँ ई बुझा दिअ जे एहि दूनू मे सँ अहाँ मसीह-दूतक ओहि पद आ सेवा-काजक लेल किनका चुनलहुँ, जाहि पद केँ त्यागि कऽ यहूदा अपना स्थान पर चल गेल।” 26 तकरबाद ओ सभ पुरजी खसौलनि, आ पुरजी मतियाक नाम सँ बाहर भेल, और ओ एगारहो मसीह-दूतक संग सम्मिलित कयल गेलाह।