बड़े वैश्य
17
1 ज़ासु दूता सेटा त्याह सात कटहोरे ,तिही त्याह में एछ करे एकय म सेटा बोलू , ओर ईच्छ , हांऊं तेवा बड़े वैश्य रे दंड रिआऊ ,ज़ोह बहू पण में वैठ द साहा । 2 ज़ासु संघे पृथ्बी रे राजा भ गला त कम करू तिही होर पृथ्बी रे रहण आल तेसका गला त कम संघे मधिरे क मत आल हहोई तिही । 3 तेवा तेऊ हाँऊं आत्मा में जगला फरे वै नांई , होर माँईं लाल रांगा रे ज़ानबरा पेंदे , ज़ोह निन्दा रे ना संघे भरु द तिही होर ज़ासरे सात मुड़ होर दस शंग , तत पेंदे माँईं एक वटढ वैठ द र । 4 एसा वटढ वैगनंइ होर लाल रगा रे झिकड़ वनंइ , होर सुने भूमलुया मोतियो संघे सजदततिही होर तेसका हाथ सुन रे अ कटहोरेअ , सा घृणित बसुते होर तेसका बिचार अशुद्ध बहुस्ते संघे भरु द तिही । 5 होर तेसका मथ यह ना लिखुद त, "भद -वैबलोन धरे त र बैश्य ओरे बुरी चिज र मत । 6 माँईं सह वटढ पबित्र लोका रे लोहू होर ययीशु रे ग्व रे लोहू झुटन क मतबल र होर तत र करे हाँऊं रान होऊ । 7 तेवा तेउ दूता म वै बोलू तु किवै रे न होऊ ?हाँऊं टस वटढ होर तेउ जन्वरे रे ज़ासु पेंदे सह वैठ द साहा होर ज़ासरे सात मुढ साहा होर दस शिंग साहा 'हाँऊं इतका भेद खोजू । 8 ज़ोह जनवरे तई भलू शा पहिले त परे ईव नांई अथअ होर अथअ कुंड क निख्ल करे नश में पडण होर धरे त में रे हू ना आल ज़ासरे न जगता उत्पति रे टइम जवन र किताबा में नांई लिखुद अचम्भा जन्वरे यह दश र करे कि पहिले त होर एव नांई अचम्भा होर तेहुकि भ क इण होर चमत्करे करे ण । 9 तेसा बुधि र तण ज़ासु में ज्ञन रे मोक साहा त्याह सात मुड़ सात प ड़ साहा ज़ासु में सह वटढ बैठ द साहा । 10 होर त्या सात राजा भी साहा , पाँज़ नश मुक होर एक एवरे भि साहा होर एक एवरे तण नांई आउअ होर जव्रे तेउ इण थोड़ टइम तण तेउ रे हू न ज़रुरी साहा । 11 ज़ोह ज़ानबरा पहिले तिही, होर एब नांई आदअ , सह आपु आठअ साहा होर सह त्याह सात मेंज़ा का निकदअ , होर बिनश में पडू । 12 ज़ोह दस शिंग तए र त्याह दस राजा साहा , जसुय एबरे तण राज्य नांई पऊ, परे तेउ ज़ानबरा संघे थोड़ दर वै अधिकार राजा ज पऊण। 13 यह सभी एक मन हुणे, होर यह आपण-आपण सामर्थ्य होर अधिकार तेउ ज़ानबरा वै दण। 14 त्याह छलू सग झगडा करे न , होर छलू त्याह पेंदे जय पाऊणी , किबेकि सह प्रभु रे प्रभु होर राजा रे राजा साहा , होर ज़ोह शद द साहा होर ज़ोह विश्वस साहा त्याह तेउ सग साहा त्याह भ जय पाऊणी । 15 तेहुकि तेऊ म ब बोलू , "ज़ोह पण तए रू, ज़ासु में वैश्य वैठ द तिही त्याह लोका होर भड़ होर जातियो य होर भाषा साहा ,। 16 ज़ोह दस शिंग त्याह र त्याह होर ज़ानबरा तेसा वटढ क झगड़ करे न होर सह नंग करे , होर तेसा क मस खाण , होर सह आग में पऊण। 17 किबेकि दइब तेसका मन यह गला अ पाऊणी क तेसा क ईच्छ पूर करे, होर ज़ेबारे तण दइब रे वचन पुरे नांई होए तेवा रे तण एक मन होई करे आपण-आपण राज्य ज़ानबरा वै द । 18 सह वटढ ज़ोह त्याह रे , सह बड ग्रे साहा , ज़ोह पृथ्बी रे राजा पेंदे राजा करे ।