दईबा रे न्याय
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1 तेवा दूजे वै दोष लउण आल़े , तुह कोहे भी किवै नाह हो , किबेकि जासू गल्ला वै तुह दूजे पेंदे दोष लाउदा , तेसा गला का तुह भी दोषी हुंदा किबेकि तुह ज़ोह दोष लांउदा आपे ही तुह काम करा । 2 हामे जांदा की ऐडे - ऐडे काम करणे आल़े वै दईबा री ओरा का सचे दण्डा री आज्ञा हुंदा । 3 होर हे मन्शा , तुह जोह एडे - एडे कामा करणे आल़े पेंदे दोष लाउनदा , पर आपु त्याह ही कामा करे तूह एडा सोच की तू दईबा री ज़ोह गला साहा तेताका बचे । 4 तूह दईब री कृपा होर सहनशीलत होर धीरज रूपी धन नांई ज़ाणाद? क्यहे यह नांई जांणदा की दईब री कृप तेवा मन बदलन वै सिखउनद। 5 पर तू आपण कठोर मन हे होर हे ठील मन रे करे ण तेउ री रोष री धियाड़ी में जासू में दईब रे सच न्याय प्रकट हुणे । 6 तेउ हे रे एकी वै , त्याह रे काम रअ नुसारी बदल दीण। 7 ज़ोह माड़ा काम करी करे महीमा , होर आदरे होर अमरत रे खोज में साहा , तेउ वै तेउ अनन्त जीबन दिण । 8 पर ज़ोह स्वरे , साहा हे होर सची गल्ला नाईं मनद , त्याह हे पेंदे रोष हे होर प्रे कोप पडण । 9 हे होर एकी मणश पेंदे दुःख हे होर संकट इहेण , पहिले यहूदी तेउकी यूनानी वै ; 10 पर महीमा होर आदर होर कल्याण हर एकी भेटणा , ज़ोह भला करदा , सह पहिले यहूदी तेउकी यूनानी वै । 11 किबेकि दईबा कसी रे पक्षपत नाईं करे दअ । 12 तेवा जासू विन व्यवस्था पाप करू , त्याह बिन व्यवस्था नश हुणे ;हे होर जासू व्यवस्था में रही करे पाप करू त्याह हे रे दंड व्यवस्था री साबे हुणे ; 13 किबेकि दईबा रे राज्य में व्यवस्था शुणण आल़े नाईं बल्कि व्यवस्था पेंदे हाडण आल़े धर्मी ठहराऊण । 14 तेउकी तेवा अन्यजाति जासू जहे व्यवस्था नाईं साहा , पहिले क ही व्यवस्था री गल्ला मन , तेवा व्यवस्था त्याह हे सेटा नाईं हुणे पर भी त्याह हे आपण आप वै आप व्यवस्था साहा । 15 त्याह हामेन ज़ोह व्यवस्था साहा तत त्याह हेरिहाऊदअ । होर त्याह रे विवैका भी तेत्की गुआही दिंदा , होर त्याह रे विचार आपु में दोष लाउदा भी होर निर्दोष भी ठहराऊद ; 16 जासू धियाड़ी दईब मेरे सुसमाचारा रे सावे यीशु मसीहा मंणशा रे गुप्त गल्ला रा न्याय करणा ।
यहूदी होर व्यवस्था
17 अगर तुह यहूदी कहलाउंदा , होर व्यवस्था पेंदे भरोसा डाहदा , होर दईबा रे बारे में घमंड करे , 18 होर तेउ री इछा ज़ाण होर व्यवस्था री शिक्षा पाई करे राम्बड़ेी गल्ला प्यहे री लागे ; 19 होर आपु पेंदे भरोसा डाह कि हांऊं कांणे रअ अगुआ होर निहारे में पड़ी दी ज्योति साहा । 20 होर निर्बुधियो वै सिखऊण आलअ , होर बालका रअ उपदेशक साहा ;होर ज्ञान होर सत्या रअ नमुनअ ज़ोह व्यवस्था में साहा , माह भेटी दी साहा । 21 पर कैह तुह दूजे वै कैह सिखाऊदा , आपु नाईं सिखादअ ?कैह तुह चोरी नाईं करणे रा उपदेश दिंदा , आपे ही चोरी करा । 22 तुह ज़ोह बोला , “व्यभिचार नाईं करणा , ”कैह आपे ही व्यभिचार करा ?तुह ज़ोह मूर्ति का रोष करा होर आपे ही देहुरे लुटा ? 23 तुह ज़ोह व्यवस्था रे बारे में घमंड करा , कैह व्यवस्था मानी करे दईबा रा अपमान करा ? 24 किबेकि थारी बजहा का अन्यजाति दईबा रे ना री निन्दा हुंदा , ”जेड़ा लिखुदा साहा । 25 अगर तुह व्यवस्था पेंदे हांडल तेवा खतना का लाभ साहा पर अगर तुह व्यवस्था नाईं मने 26 तेवा अगर खतना रहित मणश व्यवस्था री बिधि नाईं मने तेवा तेउ री दशा खतना रे बराबर नांई हुणी । 27 होर ज़ोह मंनश बिना खतना रहे अगर सह व्यवस्था पूरी करे पर माह ज़ोह लेख पाऊणे होर ख्त्तन करणे पर भी व्यवस्था नाईं मने , दोषी नाईं हुणे ? 28 किबेकि यहूदी सह नाईं ज़ोह पहिले यहूदी साहा ; होर नाह सह खतना साहा ज़ोह पहिले साहा होर शरीर में साहा । 29 पर यहूदी सह साहा ज़ोह मन साहा ;हे होर खतना सह साहा ज़ोह मन हे होर आत्मा क साहा , नाईं कि लिखूद एडा री प्रे शस मणश रे ओरे का नाईं पर दईबा री ओरा का होई लोढ़ी ।