ओपरा शतेदअ आल़ मणश ठीक करु
(मती 8:28-34; लूका 8:26)
5
1 त्याह झीला / सौरा पार गिरासेनियों रे देशे पूजै , 2 जेबा सह किशती में का निकतअ तेवा तेवरी एक मणश ज़ासु में ओपरा शातादा , सह माौल्थनी (कब्ररे ) में रहंदा , तेउ नेणे मिल्दअ आऊअ । 3 सह कब्ररा में रहंदा , होर कोहे भी तेउ शंगली संघे नांई बानी सका ते , 4 किबेकी सह कई बारी शंगली होर हथकड़ी संघे बानू , पर तेउये शंगला चोड़ी पाई होर हथकड़ी रे टुकड़े -टुकड़े करी , होर कोहे भी तेऊ वश नांई करी सका तअ , । 5 सह लागातार राच धिहाड़ कब्रे (माेलथ्नी ) में होर ज़ोता हाले पाऊन्दअ होर आपणे आपु वै पाथरे संघे घायल करदा , । 6 सह यीशु दूरा का भालिकरे ही ठूरु , तेउ वै नमस्ते करी , 7 होर ज़ोरे बोलू , “हे यीशु , परम प्रधान दईबा रे शोहरु माह ताह का कै काम ? हांऊं ताह वै दईबा री स्कंदी खांदा की माह वै दुःख नांई दे ।” 8 किबेकी तेउये तेउ वै बोलू , “हे अशुद्ध आत्मा , एउ मणश का पोहरी निखल !” 9 तेउये (यीशु ) सह पूछू , “तेरा ना कै ?” तेउ बोलू , “मेरा ना सेना साहा , किबेकी हामे खासे साहा दे ।” 10 होर तेउये खासी अर्ज करी की , “हामा इऊ देशा का बागे नांई भेजे ।” 11 तखे ज़ोता एक सुअरा बड़ेअ छूंऊड चरदअ लागअ दअ , । 12 त्याह तेउ का अर्ज करी करे बोलू , “हामा याह सुअरा में भेज़ की हामे याह मीतर नाशे ।” 13 तेवा तेउये त्याह वै हूक्मा दीना होर अशुद्ध आत्मा निख्लिक्रुसा अरा मीतर नाठी होर ज़ो छुंऊड , ज़ोह की दस हज़ार , सरा रे किनारे का ठुरदे- ठुरदे सौराजांद्रे पड़ी होर डूबी करे मूयें । 14 तया रे गूआल़े ठुरी करे आपणे शहरे होर ग्रायें यह खबर खोजी , ज़ोह होऊ , लोका तेता भाल़े आउये । 15 यीशु नेणे इच्छी करे त्याह जासु में ओपरा शातादा , झिकड़े बनू दअ होर रामबडअ बेठे दअ भाल़ी करे डरी । 16 भाल़णा आल़े तेउ रा पूरा हाल चेले त्याह वै शुणाऊ । 17 तेवा तया तेउका विनती करी करे बोलदे लागे की महारी लकीर /सीमा का नाश । 18 ज़व्रे सह किशती में चड़दअ लागअ तेवा सह जासु में ओपरा / अशुद्ध आत्मा , सह अर्ज करदअ लागअ , “मा आपु संघे रहणे दे ।” 19 पर तेउ आपु संघे ईंहंणे री आज्ञा नांई दिनी , होर तेउ का बोलू , “आपणे घरे नाशिकरे आपणे लोका वै खोज़ की दईबे केई साबे दया करी करे बड़ेे -बड़ेे काम करी ।” 20 सह नाशिकरे दिकापुलिसा में यह गल्ला अ खोजी की यीशु केई साबे बड़ेे काम करी ; होर सारीे लोका हेरान हुंदा , ।याइरा री मुइदी शोहरी होर एक बीमार बेटढ़ी
(मती 8 :28 -34 ;8 :26 -39 )
21 यीशु जेबा भी किशती में पारा फेरा वे नाठअ , तेवा एक बड़ेी भीड़ कठे होई । सह सौरा रे किनारे ही , की 22 याइरा ना र एक देऊरे रे मुख्य मंझा कै आउय , होर तेउ हेरी करे तेउरी जांगा पड़ू , 23 होर यह बोलिकरे तेउ कै बहू अर्ज करी की , “मेरी होछी शोहरी मरणे आल़ी साहा : तूह इच्छी करे तेसा पैंदे हाथ डाहे की सह ठीक होई कराजा ऊंदी रहे ।” 24 तेउकी सह तेउ पीछे हांडू ; होर बड़ेी भीड़ तेउ पीछे होई , अखे तक की लोका तेउ पैंद पड़दे लागे , । 25 एक बेटढ़ी , तेसा बाहरा साल कै लोहू बहणे री बीमारी , । 26 सह बहू बईदा नेणे इलाजा करी करे दुखी होई , होर आपणे सारीे ढबै खरच करी करे भी किछे फाईदा नांई होऊ , । 27 तेसे यीशु री चर्चा शुणिकरे भीड़ में तेउ पीछे आई होर तेउ रे झिकड़े छूंई , 28 किबेकी सह एडा बोल्दा , “जेबा हाउ झकड़े भी छूली , तो हाउ ठीक हे हूणी ।” 29 होर तेवरी तेसका लोहू बहणा बंद होऊ होर तेसा आपणे शरीरा में जाणु की हांऊं एसा बीमारी का ठीक होई । 30 यीशुये तेवरी जाणु की मांह मेंक सामर्थ्थ निकदी , होर भीड़ में पीछे फिरी करे पूछू , “मेरा झिकड़े कूणे छूंई ?” 31 तेउ रे चेले तेउकी े बोलू , “तू हेरा की भीड़ ता पैंदे पड़दी लागी दी , होर तू बोला मेरे झिकड़े कूणे छूंई ?” 32 तेउकी तेउये भाल़णे तणी की यह काम कुणे करु , चऊ तरफा भालू । 33 तेउकी सह बेटढ़ी यह जाणी करे की मेरी केड़ी भलाई होई , डरदे होर कामदे - कामदे आई , होर तेउरे पईरे (जांगा ) पड़ी क्रुसा ारा सच- सच बोलू । 34 तेउये तेसा वै बोलू , “शोहरी , तेरे बुशाहे तुह ठीक करी । : वैफिक्रर होई करे नाश , होर आपांणी एसा बीमारी का बचती रहे ।” 35 सह ऐड़ा बोलदअ , लागअ की देऊरे रे मुख्या रे घरा क लोके इच्छी करे बोलू , “तेरी शोहरी मुई , एबा गुरु वै दुःख किबे लागअ दीनदअ ?” 36 ज़ो गला त्याह , लागेदे , तेता ना शुणी करे , देऊरे रे मुख्या वै बोलू , “नांई डरे , बुशहा / विशवास डाह ।” 37 होर तेउये पतरस होर याकूब , होर याकूबा रे भाई युहन्ना छाडी करे , होर कासी भी आंपुसेघे नांई दीना इहंणे । 38 देऊरे रे मुख्या रे घरे पूज़िकरे , तेउये लोका लेरदे चिख्कदे हेरी । 39 तेउकी तेउये मीतर नाशी करे त्याह क बोलू , “तमा किवै हाले पाउदे होर लेरदे लागे द ? यह टसी मूई नांई , पर सूतिदी साहा ।” 40 त्याह सह हासणे वै करु , पर तेउये सवै बागे काड़ी करे शोहरी री माँ बाब होर आपणे सा संघे मीतर , जखे सह टसरी , तेऊकाम रे , नाठअ । 41 होर तेसा शोरी र हाथ डाकी करे तेसा वै बोलू , “तेल री त कूमारी !” एताका मतलब सा , “हे शोरी ये , हाऊ ता वै बोला , उठ !” 42 होर शोरी तेवरी उठी करे हाडदी फिरदी लागी ; किबेकी सह बारह बर्षा री , । एताा भाणी करे लोका बखे हेरान होई । 43 तेउकी तेउये त्याह वै बोलू की एताके बारे कासी बे पता नांई लागे होर बोलू , “एसा वै कुछ खाणे वै देया ।”