महान उद्धार
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1 ई बजेसुं आपा वां सुणेड़ी बाता प ओर बी चत लगावा क वासुं डुलर आंतरअ कोन हो जावां। 2 क्युं क जद सरगदूता की ओड़ी सुं आपणा आग्लाबड़ा न्अ खियेड़ो बचन अटल रियो अर हरेक निम तोड़बाळा अर खियो उंगालबाळा न्अ ठीक-ठीक सजा मली, 3 तो आपा अतरा बडा उद्धार सुं बेपरवा रेर कस्यान बच सका छा? जिकी बतळ्यावण पेलपेल परबु कर्यो छो, अर ज्यो बीन्अ सुण्या छा वे आपण्अ बेई बीन्अ सांचो साबित कर्या छा। 4 अर परमेसर बी नसाण्या अर चमत्कारा सुं, घणी तरा का जोरका कामा सुं, अर खुदकी मनसा सुं दियेड़ा पवितर-आत्मा का वरदाना क जरिये गुवाई देतो रियो।
उद्धार बेई सायता करबाळो
5 परमेसर उं आबाळा राज न्अ जिकी बतळ्यावण आपा करर्या छा, बीन्अ सरगदूता का बसम्अ कोन कर्यो। 6 पण सास्तर मं कोई ठोर प कोई या खेव्अ छ क,
“मनख कांई छ क तु उंकी सुधी लेव्अ छ?,
मनख को छोरो कांई छ क तु उंकी चंता करअ छ?
7 तु उन्अ सरगदूता सुं थोड़ाई कम बणायो छ।
तु उंक्अ माळ्अ महमा अर मान को मुकुट मेल्यो छ,
8 अर सबळी चीजान्अ बीका पगा तळ्अ कर दियो।”
परमेसर सबळी चीजा उंक्अ पगा तळ्अ होबा बेई देदियो अर अस्यानको कांई बी कोन छोड़यो क उंका बसम्अ कोन्अ पण आज-काल देखबा मं कोन आव्अ क सब उंका पगा तळ्अ छ। 9 पण आपा ईसु न्अ ज्यो सरगदूता सुं थोड़ोई कम कर्योग्यो छो, बीन्अ मोत की पीड़ा भोगबा की बजेसुं महमा अर आदर को मुकुट पेर्यो देखां छा। क परमेसर की दीया सुं हरेक मनख बेई मोत को सुवाद चाख्अ। 10 क्युं क जीक्अ ताणी सब छ अर जिकी ओड़ी सुं सब छ, बी परमेसर न्अ योई चोखो लाग्यो क जद वो घणासारा छोरा न्अ महमा मं पुंचाव्अ, तो वाका उद्धार करबाळा ईसु न्अ दुख-भोगबा सुं सिद्ध बणाव्अ।
11 क्युं क पवितर करबाळो ईसु अर पवितर होबाळा लोगबाग दोन्या को बाप एक'ई छ। ई बजेसुं ईसु वान्अ भाई खेबासुं कोन सरमाव्अ। 12 अर वो खेव्अ छ,
“म थारा नांऊ को म्हारा भाया मं हाक्‍को पाड़ूंलो;
म वांकी सभा मं थारी महमा करूलो।”
13 फेर या बोल्यो क, “म म्हारो भरोसो परमेसर माळ्अ रांखूलो।” अर फेर या बोल्यो क, “परमेसर का दियेड़ा म्हारा छोरा-छोर्या की लार मं अण्डअ छु।”
14 जद्‍या छोरा-छोरी लोई अर मांस मं पांतिदार छ तो वो बी वांकी जस्यान लोई अर मांस मं पांतिदार होग्यो। जिसुं क खुदकी मोत सुं उन्अ मतलब सेतान न्अ नास कर सक्अ जी कन्अ मारबा की सक्‍ति छी। 15 अर अस्यान ज्यो मोत का ड़र सुं सारी जन्दगी गुलामी करर्या छा, वान्अ आजाद करदे। 16 क्युं क वो तो सरगदूता का वंस की सायता कोन करअ पण अबराम का वंस की सायता करअ छ। 17 ई बजेसुं उन्अ हरेक बात मं बस्वासी मनखा की जस्यान बणणी चायजे, जिसुं वो परमेसर की सेवा करबा बेई एक दीयालु अर बस्वासहाळो महायाजक बणर लोगबागा का पापा की माफी क ताणी बली होव्अ। 18 अब वो वांकी सायता कर सक्अ छ ज्यो अंथ्याम मं छ, क्युं क ईसु बी अंथ्याम मं होर दुख भोग्यो छो।