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ई काचे जड़ दाय की मसीह गागर ने होई करी दुख उठायला तो तमि बले आय मनखा के खण्डाअसन धारन करा, कसन की जोन गागर ने दुख उठायला हाय पाप ले छाड़ाय होयला, 2 की आयबा समेया ने अपना बाचला गागर र जीवना मुरूक मनर अभिलाषा असन नाई मातर माघ परभुर ईच्छार असन चलोत। 3 कसन की दूसरा जाति मनर ईच्छार असन काम करले, आवरी लालच र घिन-घिना अभिलाषा मन, चचक-चचक होबा आदत, काया दकायबार काम, मोन्दाहा पन, आवरी घृणित मुरति पूजा ने जोन लगले हामि पयला समेया गवायलु, हाई खुबे होयला। 4 असन ने हायमन चकित होउआत की तमी असन खुबे लुच पन में तिकर साथ ना दिआस, आवरी ई काचे हाय मन गलत गलत बलु आत; 5 मातर हाय मन ताके जोन जीवता आवरी मरला लोकर निआय करबा काचे तिआर आचेत लेखा देबाय। 6 कसन की मरला लोक के बले सुसमाचार ई काचे सुनाया गला की गागर ने तो मुनुकर असन तिकर निआय होओ, मातर आतमा ने हाय माहा परभुर असन जीव रओत। 7 सबु गोटर अन्त झटके होयसी बे; ई काचे संयमी होई करी पारतना काचे चेता राहा। 8 सबु ने अच्छा गोट ये आय की एक दूसर ले खुबे मया सोंगाहा, कसन की मया सबु पाप के दापी देउ आय। 9 ना कुड कुडाय एक दूसर र आयला लोक के माना। 10 जोनले लोन बरदान मिरला आचे, हाय ताके मााह परभु र नाना परकार र अनुगरह र अच्छा भण्डारी मनर असन एक दूसर र सेवा ने रओत। 11 अगर कोनी बलबाय, तो असन बलोत जसन माहा परभुर बचन आय; जोनति सबु गोट मन ने यीशु मसीह बाटले, माहा परभुर महिला छंये आसो। महिला आवरी साम्राज जुग-जुग तार ची आय। 12 हे अच्छां लोक जोन दुखर जोय लमर परक बा काचे तमर ऊपरे भड़कला आचे, एतार ले ये समझी करी चमित ना हुआ की कोनी अलग गोट तमर ऊपरे हायेसी आचे। 13 मातर जसन-जसन मसीह र दुख मन ने पालता होऊ आस, हरिक बनाहा, जोनति ले तार महिला होयबा दाय बले तमी हरिक आवरी मगन हुआ। 14 पाचे अगर मसीहर नांव काचे तमर निदा कय आत तो तमी धन्य आस, करन की महिलार आतमा, जोन माहा परगुर आतमा आय, तमर ऊपरे छाऊ आय। 15 तमर मनने ने कोनी मुनूक माने माना नोयले चोर नोयले कुकरम करू हायेबा, नोयले दूसरा काम ने हाथ सोंगाय बा लागी दुख ना पायेत। 16 मातर अगर मसीह होयबा लागी दुख पायले, तो ला ना होओत, मातर ये गोट काचे माहा परभुर महिला करोत। 17 कसन की हाय समेयां लगे आसला आचे की पईले माहा परीाुर लोक मन र निआंय करा जाओ ; आवरी जड़ दाय निआयर सुरूआत हामर ले ची होयसी तो तिकर काय अन्त हायेसी जोन माहापरभु र सुसमाचार के ना मानेत ? 18 आवरी अगर धरम करबा मुनूक ची कठीन समेया ने उधार पायसी, तो भक्ति ना रला पापी र काय ठिकाना ? 19 इ काचे जोन महा परभुर ईच्छार असन दुख उठाऊ आत, हाय भलाई करते आपना-आपना जीव के विश्वासर लाईगर सृजन हार र हाथे सोपी दिआस।